हम तो जीना चाहते है,
लेकिन कौन मौका देते है?
कुछ नया करते है,
तो पागल ठहरा देते है.
हमारा तो क्या?
हम तो ठहरे राही,
दूसरो को गिराने में,
खुद को ही गिरा देते है.
- ‘सागर’ रामोलिया
लेकिन कौन मौका देते है?
कुछ नया करते है,
तो पागल ठहरा देते है.
हमारा तो क्या?
हम तो ठहरे राही,
दूसरो को गिराने में,
खुद को ही गिरा देते है.
- ‘सागर’ रामोलिया
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